लखीमपुर खीरी के सिंगाही कस्बे के वार्ड नंबर एक का माहौल रविवार शाम पांच बजे अचानक बदल गया। गुजरात में गिरफ्तार किए गए सुहेल के परिवार वालों से पूछताछ के लिए काफी संख्या में पुलिसकर्मी यहां पहुंचे। परिजनों से मालूमात करने के बाद छोटे भाई वसीम को पूछताछ के लिए पुलिस उसे ले गई। हालांकि आधिकारिक तौर पर पुलिस अफसरों ने इसकी पुष्टि नहीं की है। पुलिस महकमे के साथ ही अन्य खुफिया एजेंसियां सुहेल खां का डाटा खंगालने में जुट गई हैं। अभी तक उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड पुलिस को नहीं मिला है।
हाफिज की पढ़ाई करता था सुहेल
सुहेल की प्रारंभिक शिक्षा सिंगाही झाले में स्थित मदरसे से हुई। उसके बाद में मझगईं थाना क्षेत्र के सलीमाबाद में किसी मदरसे से तबलीगी शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए मुजफ्फरनगर चला गया था। वह मुजफ्फरनगर में रहकर हाफिज की पढ़ाई कर रहा था। वहीं से वह जून में आखिरी बार घर आया था। सलीम के अन्य दो बेटों में सबसे बड़ा सुम्मीं खां तमिलनाडु में कपड़े बेचने का काम करता है, जबकि छोटा बेटा वसीम सिंगाही कस्बा और आसपास के इलाके में एसी की मरम्मत का कार्य करता है।
बकरीद पर घर आया था सुहेल
मां रुखसाना ने बताया कि सुहेल आखिरी बार जून में बकरीद पर घर आया था। जुलाई में वह घर से चला गया। इसके बाद वह मुजफ्फरनगर पहुंचा, जहां से एक सप्ताह पूर्व वह गुजरात गया था। बताया कि चार दिन पहले ही उससे फोन पर बात हुई थी। उसके बाद से उसका फोन नहीं आया। परिजनों ने मोबाइल रिचार्ज समाप्त होना समझ लिया था। रविवार को दोबारा फोन करने की सोच रहे थे कि उससे पहले ही सुहेल की गिरफ्तारी की खबर आ गई। मां बोलीं, सुहेल बहुत सीधे आचरण का है। पाकिस्तानी आतंकियों से जुड़ाव होने का दूर-दूर तक का वास्ता नहीं है।
ट्रैक्टर मिस्त्री हैं सुहेल के पिता सलीम
ग्रामीणों के अनुसार सुहेल के पिता सलीम की उम्र करीब 50 साल हो चुकी है। वह ट्रैक्टर की मरम्मत करके खुद और परिवार का भरण पोषण करते हैं। घर में प्लास्टर तक नहीं है। 23 साल के सुहेल कब आईएसआई के संपर्क में आया, कौन-कौन सी जानकारियां उन्हें उपलब्ध कराईं, इसको लेकर अभी तक कोई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। यहां तक कि मीडिया के लोगों के उनके यहां पहुंचने पर भगाने की कोशिश की।
गुजरात में गिरफ्तार किए गए यूपी के दो संदिग्ध आतंकियों से पूछताछ करने के लिए एटीएस की टीम अहमदाबाद जाएगी। इन दो में खीरी के सुहेल के अलावा शामली के कैराना निवासी आजाद सुलेमान शेख शामिल हैं। पेशे से सफाईकर्मी आजाद सुलेमान शेख की उम्र महज 20 वर्ष, जबकि पढ़ाई कर रहे सुहेल की 23 वर्ष है।
गुजरात पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में उन्होंने कबूल किया कि लखनऊ, दिल्ली और अहमदाबाद में आतंकी हमले अंजाम देने के लिए रेकी करने के बाद उन्होंने राजस्थान के हनुमानगढ़ से हथियारों का बंदोबस्त किया था, जिसे पाकिस्तान से ड्रोन के जरिये भेजा गया था। इनका सरगना हैदराबाद निवासी अहमद मोहयुद्दीन सैयद है, जो पेशे से डॉक्टर है। वह दोनों की मदद से रासायनिक बम (रिकिन बम) बनाने की फिराक में था। एटीएस ने उसे भी गिरफ्तार किया है।




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