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मेरे धान के खेत में सारस क्रेन हैं: संकटग्रस्त पक्षी के संरक्षण के लिए सामुदायिक धारणाओं में बदलाव होना आवश्यक: विवेक सिंह
मेरे धान के खेत में सारस क्रेन हैं: संकटग्रस्त पक्षी के संरक्षण के लिए सामुदायिक धारणाओं में बदलाव होना आवश्यक: विवेक सिंह
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लखीमपुर खीरी जिले में गजमोचन नाथ मंदिर का भी अपना विशेष स्थान जहां सुदर्शन चक्र से मगरमच्छ की गर्दन काटकर हाथी को गया बचाया।*
लखीमपुर खीरी जिले में गजमोचन नाथ मंदिर का भी अपना विशेष स्थान जहां सुदर्शन चक्र से मगरमच्छ की गर्दन काटकर हाथी को गया बचाया।*
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एक के बाद एक चोरी लेकिन खुलासा एक भी नहीं, क्या सो रही है मितौली थाना पुलिस, बड़े अफसर भी अब सवालों के घेरे में।
एक के बाद एक चोरी लेकिन खुलासा एक भी नहीं, क्या सो रही है मितौली थाना पुलिस, बड़े अफसर भी अब सवालों के घेरे में।
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*कौन है साकार विश्व हरि बाबा हमेशा रहता है सूट-बूट में तीन राज्यों में हैं अनुयायी, सत्संग में देता है यह संदेश* *@✍🏻प्रांशु वर्मा जिला अपराध संवाददाता/लेखक* नोट:- मेरे द्वारा लिखी गई पोस्ट में उक्त जानकारी मीडिया सूत्र वह इंटरनेट के माध्यम से ली गई है,पोस्ट को कॉपी न करें नाही पोस्ट से छेड़छाड़ करें कृपया ऐसे ही वायरल करें। 👉🏻 *उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में मंगलवार को बड़ा हादसा हो गया। यहां साकार हरि बाबा का एक दिवसीय सत्संग चल रहा था। वहां पर बच्चों के साथ महिलाएं और पुरुष बाबा का प्रवचन सुन रहे थे। लगभग पौने दो बजे सत्संग खत्म हुआ, बाबा के अनुयायी बाहर सड़क की ओर जाने लगे। तभी भगदड़ मच गई। हादसे में अब तक 120 लोगों की मौत की खबर है। इस बड़े हादसे के बाद हर शख्स यह जानना चाहता है कि आखिर कथावाचक साकार हरि बाबा उर्फ भोले बाबा कौन है। जिसके सत्संग में इतनी ज्यादा तादाद में अनुयायी पहुंचे हुए थे।* 👉🏻 *साकार विश्व हरि बाबा उर्फ भोले बाबा का असली नाम सूरज पाल सिंह है बाबा कासगंज के पटयाली का रहने वाला है करीब 17 साल पहले पुलिस कांस्टेबल की नौकरी छोड़कर सत्संग करने लगे नौकरी छोड़ने के बाद सूरज पाल नाम बदलकर साकार हरि बन गया अनुयायी उसे भोले बाबा कहते हैं कहा जाता है कि गरीब और वंचित तबके के लोगों के बीच में इनकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी कुछ समय में लाखों की संख्या में अनुयायियों बन गए उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश और राजस्थान में अनुयायी फैले हैं।* 👉🏻 *मानव सेवा का देता है संदेश* _साकार हरि बाबा अपने सत्संग में मानव सेवा का संदेश देता है। सत्संग में लोगों से बाबा कहता है कि मानव की सेवा ही सबसे बड़ी सेवा है। सबसे बड़ी शिक्षा है। सत्संग में आने वाले लोगों से कहता है यहां रोग मिट जाते हैं, मन शुद्ध होता है, यहां पर कोई भेदभाव नहीं कोई दान नहीं कोई पाखंड नहीं यही सर्व समभाव है यहीं ब्रह्मलोक है, यहीं स्वर्ग लोक है।_ 👉🏻 *सूट-बूट में रहता है बाबा* _बाबा के बारे में कुछ लोग कहते हैं कि ये यूपी पुलिस में दरोगा हुआ करते थे कुछ इन्हें आईबी से जुड़ा भी बताते हैं इसीलिए बताया जाता है कि बाबा पुलिस के तौर-तरीकों से परिचत हैं वर्दी धारी स्वयंसेकों की लंबी-चौड़ी फौज खड़ी करने में यह काफी मददगार साबित हुआ बाबा आम साधु-संतों की तरह गेरुआ वस्त्र नहीं पहनता बहुधा वह महंगे गॉगल, सफेद पैंटशर्ट पहनता है अपने प्रवचनों में बाबा पाखंड का विरोध भी करते हैं चूंकि बाबा के शिष्यों में बड़ी संख्या में समाज के हाशिए वाले, गरीब, दलित, दबे-कुचले लोग शामिल हैं उन्हें बाबा का पहनावा और यह रूप बड़ा लुभाता है।_ 👉🏻 *मीडिया से भी दूरी* _बाबा के सत्संगों में बड़ी संख्या में लोग जुटते हैं। बाबा के शिष्य अपनी ही मस्ती में रहते हैं। यही वजह है कि मीडिया से भी ये लोग दूरी बरतते हैं। दरअसल, बाबा के सत्संग के तौर-तरीके चूंकि आम संतों से अलग होते हैं लिहाजा ये लोग नहीं चाहते कि इस पर किसी प्रकार की टीका-टिप्पणी हो।_ 👉🏻 *यहां मौजूद है बाबा का आश्रम* _भोले बाबा का आश्रम कासगंज जिले के पटियाली तहसील क्षेत्र के बहादुरनगर गांव में मौजूद है। यह उनका पैतृक गांव भी है। भोलेबाबा का बहादुर नगर में बड़ा आश्रम बना है। इस आश्रम में पहले सप्ताह के प्रत्येक मंगलवार को सत्संग होता था, लेकिन कुछ वर्ष पहले से यह परंपरा टूटी है।_
*कौन है साकार विश्व हरि बाबा हमेशा रहता है सूट-बूट में तीन राज्यों में हैं अनुयायी, सत्संग में देता है यह संदेश* *@✍🏻प्रांशु वर्मा जिला अपराध संवाददाता/लेखक* नोट:- मेरे द्वारा लिखी गई पोस्ट में उक्त जानकारी मीडिया सूत्र वह इंटरनेट के माध्यम से ली गई है,पोस्ट को कॉपी न करें नाही पोस्ट से छेड़छाड़ करें कृपया ऐसे ही वायरल करें। 👉🏻 *उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में मंगलवार को बड़ा हादसा हो गया। यहां साकार हरि बाबा का एक दिवसीय सत्संग चल रहा था। वहां पर बच्चों के साथ महिलाएं और पुरुष बाबा का प्रवचन सुन रहे थे। लगभग पौने दो बजे सत्संग खत्म हुआ, बाबा के अनुयायी बाहर सड़क की ओर जाने लगे। तभी भगदड़ मच गई। हादसे में अब तक 120 लोगों की मौत की खबर है। इस बड़े हादसे के बाद हर शख्स यह जानना चाहता है कि आखिर कथावाचक साकार हरि बाबा उर्फ भोले बाबा कौन है। जिसके सत्संग में इतनी ज्यादा तादाद में अनुयायी पहुंचे हुए थे।* 👉🏻 *साकार विश्व हरि बाबा उर्फ भोले बाबा का असली नाम सूरज पाल सिंह है बाबा कासगंज के पटयाली का रहने वाला है करीब 17 साल पहले पुलिस कांस्टेबल की नौकरी छोड़कर सत्संग करने लगे नौकरी छोड़ने के बाद सूरज पाल नाम बदलकर साकार हरि बन गया अनुयायी उसे भोले बाबा कहते हैं कहा जाता है कि गरीब और वंचित तबके के लोगों के बीच में इनकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी कुछ समय में लाखों की संख्या में अनुयायियों बन गए उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश और राजस्थान में अनुयायी फैले हैं।* 👉🏻 *मानव सेवा का देता है संदेश* _साकार हरि बाबा अपने सत्संग में मानव सेवा का संदेश देता है। सत्संग में लोगों से बाबा कहता है कि मानव की सेवा ही सबसे बड़ी सेवा है। सबसे बड़ी शिक्षा है। सत्संग में आने वाले लोगों से कहता है यहां रोग मिट जाते हैं, मन शुद्ध होता है, यहां पर कोई भेदभाव नहीं कोई दान नहीं कोई पाखंड नहीं यही सर्व समभाव है यहीं ब्रह्मलोक है, यहीं स्वर्ग लोक है।_ 👉🏻 *सूट-बूट में रहता है बाबा* _बाबा के बारे में कुछ लोग कहते हैं कि ये यूपी पुलिस में दरोगा हुआ करते थे कुछ इन्हें आईबी से जुड़ा भी बताते हैं इसीलिए बताया जाता है कि बाबा पुलिस के तौर-तरीकों से परिचत हैं वर्दी धारी स्वयंसेकों की लंबी-चौड़ी फौज खड़ी करने में यह काफी मददगार साबित हुआ बाबा आम साधु-संतों की तरह गेरुआ वस्त्र नहीं पहनता बहुधा वह महंगे गॉगल, सफेद पैंटशर्ट पहनता है अपने प्रवचनों में बाबा पाखंड का विरोध भी करते हैं चूंकि बाबा के शिष्यों में बड़ी संख्या में समाज के हाशिए वाले, गरीब, दलित, दबे-कुचले लोग शामिल हैं उन्हें बाबा का पहनावा और यह रूप बड़ा लुभाता है।_ 👉🏻 *मीडिया से भी दूरी* _बाबा के सत्संगों में बड़ी संख्या में लोग जुटते हैं। बाबा के शिष्य अपनी ही मस्ती में रहते हैं। यही वजह है कि मीडिया से भी ये लोग दूरी बरतते हैं। दरअसल, बाबा के सत्संग के तौर-तरीके चूंकि आम संतों से अलग होते हैं लिहाजा ये लोग नहीं चाहते कि इस पर किसी प्रकार की टीका-टिप्पणी हो।_ 👉🏻 *यहां मौजूद है बाबा का आश्रम* _भोले बाबा का आश्रम कासगंज जिले के पटियाली तहसील क्षेत्र के बहादुरनगर गांव में मौजूद है। यह उनका पैतृक गांव भी है। भोलेबाबा का बहादुर नगर में बड़ा आश्रम बना है। इस आश्रम में पहले सप्ताह के प्रत्येक मंगलवार को सत्संग होता था, लेकिन कुछ वर्ष पहले से यह परंपरा टूटी है।_
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